Saturday, August 29, 2015

रक्षा बंधन या उपहार बंधन


रक्षा बंधन का अर्थ होता है जो रक्षा के लिए जो बंधन बना हो , जैसे सूत और रेशम के धागे से बंधन।  ये बंधन कोई आम बंधन नहीं है।  ये एक रक्षा कवच है , बंधने वाले के श्रद्धा भाव और पवित्र शक्ति से एक कवच तैयार करना। जिससे आपको हर प्रकार के कुदृष्टि , कुविचार , व्याधियों , हर संकट से आपकी रक्षा करे।  उसके बदले आप भी बांधने वाले की भी रक्षा करें।  ये एक वचन देना होता है।

लेकिन आज समाज में कुछ और ही प्राचलन चला है , राखी तो एक व्यापार बढ़ाने के जरिया बन गया है, ये रक्षा बंधन से ज्यादा उपहार बंधन या गिफ्ट बंधन बन गया है।  बहन और भाई , बड़े या छोटे, सभी के रिश्ते में सिर्फ रक्षा बंधन से जयादा उपहार बंधन हो कर रह गया है.

उपहार देना और लेना अच्छी चीज है ,  जिससे आपस में रिश्ते बने रहते है , लेकिन इसका ये मतलब नहीं है की , एक पवित्र त्यौहार जो आप गिफ्ट और त्यौहार पर्व बना दे।

आज हमें अपनी संस्कृति और सभ्यता को भूलना नहीं चाहिए।  आज हम लोग सभी अपने परिवार और समाज में ये बताये की हम रक्षा बंधन का पवित्र त्यौहार क्यों मानते हैं।  उन्हें ये अहसास होना चाहिए की ये सूत , धागा कोई आम धागा नहीं है , बल्कि ये रक्षा कवच है , जो सभी संकट से आपकी रक्षा करता है , उसके बदले गिफ्ट या उपहार नहीं , बल्कि आप वचन दें, की हम भी आपकी हर संकट से रक्षा करें।  

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